मेरे मोहल्ले की कहानी मेरे मोहल्ले की आखिरी घर तुम्हारी होती, सड़क के किनारे वाले रूम में भी एक किवाड़ी होती। काम पर से जब लौटता तो सबसे पहले तुमसे मुलाकात होती, इसी बहाने तुम्हारे पिता से मेरी बगावत होती।। ##बगावत#