अनजान सी है, रंगीन रोशनी तेरी गलियों में, मेरा बहुत था मुनासिब है, कि तुम आ गए आज रात, अंधेरा बहुत था #अंधेरा #वत्स #vatsa #dsvatsa #illiteratepoet #yqhindi #लवयूज़िन्दगी