लोग लोग सब ख़ामोश रहते है जब तक ... वो हादसा उनके पास से ना होकर गुजरे... उसके बाद उनके अंदर की आवाज़ बुलंद होती हैं... सड़कों पर आक्रोश उतार आता है।। पर अफसोस बहुत देर बाद ये हुजूम जो आता है.... उससे पहले ही किसी का दम तार तार हो जाता है ye khamosh log....kyu eise hote hain