तेरी बुराइयों को हर अखबार कहता है..,
और तू मेरे गाँव को बेकार, बार बार कहता है...!!!
माँ बाबा के लिए ही वक़्त नहीं है, बस मतलब अपने इनको अपने काम से है..,
पैसो के पीछे भाग रहे, चाहे जीवन इनका बिन आराम के है..,
पहचान सिर्फ मतलब के लिए ही बनाते है लोग यहाँ के..,
चाहे फिर रिश्तेदार से ही रिश्ते इनके अनजान से है...!!!