राम मिलेंगे ध्यान बना लो काम को फिर राम मिलेंगे। रोम रोम रटो राम को फिर राम मिलेंगे।। पर सेवा रत देह का बल हो हृदय विशाल और मन निश्छल हो कर्म वचन मन राम को अर्पित साँस साँस हो राम समर्पित जियो जरा हनुमान को फिर राम मिलेंगे।। रोम रोम रटो राम को.... एका हो मन कर्म वचन में मर्यादा हो घर रन बन में ईश्वर मात पिता गुरु जानो परहित में ही स्वहित पहचानो लघु में लखो महान को फिर राम मिलेंगे रोम रोम रटो राम को..... क्षमता, धैर्य क्षमा पोषित हो न्याय का केंद्र दलित शोषित हो सदाचार रत कोमल चित हो निज बल से निर्बल रक्षित हो त्यागो मिथ्या मान को फिर राम मिलेंगे।। रोम रोम रटो राम को फिर राम मिलेंगे... ©Santosh Pathak #राम#मिलेंगे #Dussehra2021