आप जैसी शख्सियत नहीं बन पाया जी,, आप जैसी शोहरत नहीं पा पाया जी,, जीना चाहा पर नहीं जी पाया जी,, नेमतों की फहफ़िलें नहीं सजा पाया जी,, दर्द जी के जी खोल नहीं कह पाया जी, आपने दिए जख्म मैं जी के टुकड़े सी पाया जी, आप जैसी शख्सियत नहीं बन पाया जी,, श्यामकिशोर अवस्थी। #Life madhvi ❣️