। । हाँ, मेंरे एहसासो का सफर जरा बढ़ने लगा है।
कुछ दूर ही सही अकेले चलने लगा है।
खाव्हिशो से वाकिफ ,थोड़ा सा समझदार,
दुंनियादारी समझने लगा है।
हाँ मेरे एहसास का . . . .
ख़बर केवल अखबार में ढूंढता था पागल,
अब वही हर पल जिंदगी की कहानी बुनने लग है,
हाँ, मेरे एहसास का सफर . . . . #एहसास#Poetry