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ये चांद आज फिर मुझसे मिलने बिना तारो के साथ आया है

ये चांद आज फिर मुझसे मिलने बिना तारो के साथ आया है             आज फिर बीते दिनों की याद लाया

आज न तारे आज तो चांद भी तनहा शायद फिर  चांदनी से मुंह फुलाके मेरे पास आया है 

आज तो फिर बीते दिनों की याद लाया है

©पूर्णिमा
  #Crescent