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साईकिलों पर मिला करते थे कभी, सब अब अपनी मशरुफ

   साईकिलों पर मिला करते थे कभी,
 सब अब अपनी मशरुफियत में मिलें......

   उन गलियों में मिला करते थे कभी,
   शहर की अब उस भीड़ में मिलें......

    वक़्त देते थे सब एक-दूसरे को कभी,
  वक़्त की कमी से ही अब कम मिलें.....

   यूं तो याद करते हैं सभी, सब को,
जीवन की उलझनों में, न जाने कब मिलें....
 #साईकिल 
#दोस्ती 
#tulikagarg
   साईकिलों पर मिला करते थे कभी,
 सब अब अपनी मशरुफियत में मिलें......

   उन गलियों में मिला करते थे कभी,
   शहर की अब उस भीड़ में मिलें......

    वक़्त देते थे सब एक-दूसरे को कभी,
  वक़्त की कमी से ही अब कम मिलें.....

   यूं तो याद करते हैं सभी, सब को,
जीवन की उलझनों में, न जाने कब मिलें....
 #साईकिल 
#दोस्ती 
#tulikagarg