क्या हम गुलाम हैं.... हाँ हम गुलाम हैं.....(अध्याय 3) बाबाओं की मौज है ! उनकी अपनी फौज है !! पैरोल गंभीर गुनाह पे भी ! भक्त वोटों की ललचाहट ही !! अंधविश्वास बढ़ाते ये ! शीर्ष का शीश भी झुकवाते ये !! प्रचार प्रसार में छा जाते ! असली मुद्दों से जन ध्यान भटकाते !! राजनीति से टकरा जाते गर ! जेल में रखे जाते उम्र भर !! सत्ता की तूती बजाते जब तक ! बाल भी बांका हो ना तब तक !! काले धन को सफ़ेद करते ! आयकर छूट के प्रपंच रचते !! नेताओं का करे परोक्ष प्रचार ! रक़म जोड़ न पाये संहिता आचार !! महिलाओं का शोषण आम है ! कई बाबा का ऐसा खुले आम है !! फिर भी महिलाओं का हुज़ूम है ! चकाचौंधी आकर्षण का जुनून है !! कथा सुनना सुनाना संस्कार है ! पीठ पीछे कुत्सित विचार है !! संस्कार हनन ही हो रहा ! दुष्परिणामों से जन खूनी आंसू रो रहा !! ऐसा नहीं कि सब बदमाश है ! सच्चे इक्के-दुक्के के आसपास है !! भला हो बुद्धिजीवी करें पर्दाफाश ! समाज का रोकें सत्यानाश !! राजनेता मिलीभगत, उनसे तो उम्मीद नहीं ! समाज कर्णधारों पर ही ये जिम्मेदारी रही !! जनता की भी है ज़िम्मेदारी ! संस्कार सरंक्षण यज्ञ में आहुति होनी चाहिये हमारी !! कुछ सफ़ेदपोश कानून तोड़ते सरेआम ! कानून के डंडे से डरने का नहीं कोई काम !! कानून बनानेवाले ही जब हो अनुयायी ! ऐसे में नरमायी की ही होगी कार्यवाही !! आवेश हिंदुस्तानी 26.01.2023 ©Ashok Mangal #IndiaLoveNojoto #AaveshVaani #RepublicDay2023 #JanMannKiBaat #baba