लम्हें कैद नहीं हो पाते, रिस्ते रहते हैं हाथ से रेत की तरह,, गुजरता जाता है वक्त दबे पांव, किसी अनजाने संकेत की तरह,, वक्त का पहिया यूं ही घूमता जायेगा, जो बीता है याद रख, लौटकर न पायेगा, वक्त की ताकत, फ़कीर को राजा बनाती है, गर न समझे लम्हों को, तो दिल में गरीबी लाती है, लम्हें लम्हें में शरीर जर्जर हो रहा है, वक्त का मन पर भी असर हो रहा है, सफल होने को, वक्त के साथ चलो प्यारे, हिम्मत रखो, और कदम मिलाओ सारे, यूं बैठे बैठे तुम बस वक्त ही गबाओगे, इतना सोचोगे तो कुछ कर नहीं पाओगे,,, शुभरात्रि लेखकों।😊 हमारे #rzhindi पोस्ट पर Collab करें और अपने शब्दों से अपने विचार व्यक्त करें । इस पोस्ट को हाईलाईट और शेयर करना न भूलें!😍 हमारे पिन किये गए पोस्ट को ज़रूर पढ़ें🥳