GaRib ki BeTi Hai Na sahab✍️ बिखर जाए तो सिमट जाती है टूट जाए तो जुड़ जाती है अपने मां बाप को जन्नत दिखा देती है अपने महबूब को खुदा बना देती है फिर ना जाने क्यूं दर्दो से भर देते है सच बताऊं इन बेटों की चाहत में ये नन्ही जाने सड़कों पर छोड़ी जाती है कठपूतली बना देते है लोग इन्हें, गरीब की बेटी है ना साहब इसीलिए ईसारों पर नचाई जाती है धूल झोंक कर आंखो में क्या नहीं, करते है लोग उसके साथ और वो एक नन्ही सी जान रो रो कर बंद कमरे में मर जाती है मां अगर इंसाफ मांगने जाए तो नहीं मिलता है आपको तो पता है ना साहब आज कल तो पैसों के लिए पुलिस भी बीक जाती है क्या करे गरीब की बेटी है ना साहब,,,,। GauRav mehTa✍️ Garib ki beti hai sahab