ये वक़्त ने करवटें ली है। देखो किस तरह। यूँ अपना बनाकर कुछ लोग अजनबी हुए है। देखो किस तरह। हमसे खता हुई जो हम भूल बैठे। मुसाफिर है हम। मंजिलों को भुला कर रास्तों से दिल लगा बैठे। इन रास्तों ने रुख मोड़ लिया। देखो किस तरह। हर झूट को सच मानकर। उसके हर पल में शरीक होते रहे हर दफा। ए मुजाहिद ने बेवफाई से अपनी वफ़ाई निभाई। कुछ इस तरह। ये वक़्त ने करवटें ली है।#मोहोबत #करवंटे#बेवफाई #वफ़ाई #मोड़ #रास्ते #सफर #मुसाफिर #वक़्त #अजनबी #nojotohindi #kavishala #poetry #hindipoetry #nojot