वर्षा की बूंदे ये बारिश की बूंदे भिगो रही है मेरे तन को, ठंडी होकर भी बूंदे जला रही मेरे मन को। बूंदों संग पवन के झौंके मदहोशी बढ़ा रहे, मनोकाश में मदहोशी के घन गड़ गड़ा रहे। चमक उठी तन बदन में अजीब बिजलियां, यादें घोल रही अधरों पे प्यार की शोखियां। प्रेम की जमीन पर बरस बूंदे बन गई मोती, देख प्रेम वर्षा के नजारे जली प्रेम ज्योति। JP lodhi 13/07/2020 #Raindrops #Nojoto #Nojotohindi #Nojotoorigenal #Nojotofilms #Poetty