मुहब्बत ऐसी करो कि हर लम्हें रुक जायें तुम्हें देखने को जमाने के भी सर झुक जायें इनतजार मत कराओ किसी को कि उसकी आप के इन्तजार में सांसें ही रुक जाये neeraj kajla