मेरे शहर के बीच एक नदी बहती है जब भी शहर के दिल को जाओ, हर मोड़ पर मिलती है नब्ज़ है, कोई छू ले तो हर दर्द कहती है बहता है जो कालिख बन कर पानी, उसे अपने लहू का रंग कहती है दिल से चली थी, फिर दिल तक आने को अधूरे रास्ते पर रुकने की निशानी देती है मेरे शहर में एक नदी बहती है . . मैं हैरान हूं ये नदी देख कर हर हाल में बहने के जज्बे को देखकर उस कालिख से सने इसके किनारे देख कर आज शहर हुआ तो समझा हूं तुम तो हमेशा मुझमें बहती हो मेरी हर करतूत का कालिख धोती हो तुम नदी हो, मेरे अंदर बहती हो जो तुम दिल तक आ गई तो कयामत है तुम सब समझती हो, आसपास से निकलती हो तुम नदी हो, मेरे अंदर बहती हो.. मेरे शहर के बीच में एक नदी बेहती है जिसका नाम है कान्ह, अभी कुछ दिनों पहले हमारे शहर की महापौर श्रीमती मालिनी गौड़ जी को कान्ह के स्वच्छ स्वरूप की तस्वीर साझा की और आज में उसी तस्वीर वाली रोड से घर के लिए निकला और बस.... #ashay #wiredwords #indore #yqdidi #bestyqhindiquotes #newwritersclub YourQuote Didi YQ Muse YourQuote Writers Club #bullshitblog