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काश वो समझते इस दिल की तड़प को, तो हमें यूँ रुसवा न

काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो हमें यूँ रुसवा न किया जाता,
यह बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें,
बस एक बार हमें समझ तो लिया होता

दिल के अल्फाज- तुम्हारे बाद न तकमील हो सकी अपनी,
तुम्हारे बाद अधूरे तमाम ख्वाब लगे"
काश वो समझते इस दिल की तड़प को,
तो हमें यूँ रुसवा न किया जाता,
यह बेरुखी भी उनकी मंज़ूर थी हमें,
बस एक बार हमें समझ तो लिया होता

दिल के अल्फाज- तुम्हारे बाद न तकमील हो सकी अपनी,
तुम्हारे बाद अधूरे तमाम ख्वाब लगे"
deepu2520763576013

@hannu107

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