White डगमगाया हूँ पर हारा नहीं, ख़ुद के वज़ूद को अभी मारा नहीं..! जो छोड़ गए साथ मुश्किलों में कभी, मदद के लिए उन्हें पुकारा नहीं..! त्यागने की क्षमता क्या अहम् क्या वहम, सहमे दिल को भय में उतारा नहीं..! जैसा हूँ मैं आईने की तरह हूँ, दिखावे की दुनिया में ख़ुद को सँवारा नहीं..! तजुर्बे में ढाला है क़िरदार सदा यारों, डूबते जज़्बातों को मिला किनारा नहीं..! तन्हा ही बिताई है ज़िन्दगी यूँ हमने, अपने बल पर जीतेंगे दुनिया कोई सहारा नहीं..! अलग अलग पथ है सुख और दुःख का, नज़रिया जीवन का केवल खारा नहीं..! रौशन भी होगी तक़दीर की भावी तस्वीर, हमेशा रहेगा यूँ जीवन में अँधियारा नहीं..! ©SHIVA KANT(Shayar) #sad_quotes #Dagmagayahunparharanhi