सारा शहर है मेरे चारों तरफ़ मगर फ़िर भी ख़ुद को अकेला पाया । मेरी खामोशी जब सुनाई नहीं देती किसको क्यों कहकर बताऊं क्या पाया और क्या खोया।। ©Hitender Daksh #AloneInCity शायरी शायरी हिंदी शायरी हिंदी में 'दर्द भरी शायरी' शायरी हिंदी में