सोच रहे हैं की दो गज जमीं नसीब ना हुई हमको तिरंगे के दरमियाँ, क्या हम भी निकाले, दाल, रोटी में खामियां, किसी को महबूब का डुपट्टा, किसी को तिरंगा मिला,एक हम थे जो पहिचान ही खो दिये अपनी ना सनम मिला, ना देश का कफन मिला, ..... #जलज_राठौर #RAW- research and analysis wing #NojotoQuote दो गज जमीं नसीब ना हुई हमको तिरंगे के दरमियाँ, क्या हम भी निकाले, दाल, रोटी में खामियां, किसी को महबूब का डुपट्टा, किसी को तिरंगा मिला एक हम थे जो पहिचान ही खो दिये अपनी ना सनम मिला, ना देश का कफन मिला, ..... #जलज_राठौर #RAW- research and analysis wing #भारत