मै नहीं देता उपमा उसे चांद की जिसे दिए बिना शायद इश्क़ पूरा नहीं होता। मै नहीं दिखाता ख़्वाब उसे साथ जीने और मारने की। मै नहीं करता उसके रंग रूप से प्यार जो कुछ दिनों का दिखावा है। मै नहीं करता बात घंटो उससे जहां हर कुछ पता होना जरूरी हो। मै नहीं बनाया जिस्मानी सम्बन्ध जिसके बिना इश्क़ का सच्चा और झूठा होना सिद्ध होता है। मै नहीं रोकता उसे किसी से मिलने से बात करने से। मै नहीं लगाता उम्मीद उससे की वो भी मुझसे प्यार करे। मै बस मुस्कुराता हु उससे देख कर,बात करके जब वो पास होती है और जब नहीं होती है ना तब महसूस कर के। इश्क़ में पाना खोना ही सब कुछ नहीं होता कभी कभी इश्क़ खोमोशी के साथ भी करनी होती है बस इस उम्मीद के साथ की कभी ख़्वाब सच होगे और ना भी हुए तो क्या हुआ ख़्वाब में साथ है ना वो। #इश्क़_वाली_बात