हम चिराग बने उस अंधेर गली में जिसमें गुम थे शख्स कई, टकराते हुए चीखना ये सब जिंदगी को बुलाते थे , सांसें धड़कन बढ़ाती रही जब तक उम्र एक ठिकाने न पहुंचा, कुछ ख्वाब जलाते रहे तो कुछ यादों को सुलाते थे।। ©Abhiraj Kumar सुलाते थे। #Hope