अजनबी मौसम २ और ढलती हुई शाम , छलकते हुए जाम बदला ये मौसम, ठंड के हुआ नाम कोहरे का कुछ यूं , दस्तक पे आना सफेद चादर में फिर, शहर का लिपट जाना पौधो का यूं, ठंड से मुरझाना ठिठुरती इस सर्दी में, आग जलाना फिर तुम्हारा, मंद मंद मुस्काना हवा के झोंको का ,केशो से जाना और मेरी कलम का फिर से चल जाना हमारी कहानी को फिर से दोहराना गोदी में उसको , तुम गीत सुनाना कड़ाके की ठंड से ,उसे तुम ही बचाना .. #letter #yqdidi #yqbaba #loveofmylife #blessed #keepwriting #keepfollowing #tobecontinued