लग जा गले ज़िन्दगी दो पल ही सही, पर उन पलों को खुल कर जीना चाहती हूँ मैं....! धड़कनें बेक़ाबू हो, बहके तो बहके...,, तुम में #समाना चाहती हूँ मैं...! मैं तुम्हारे साथ .... चलूँ या ना चल सकूँ.. तेरी क़दमो के निशा पर, चलना चाहती हूँ...! तू मुझे एक नज़र, देखे ना देखे... अपने हर नज़ारे में तुम्हें देखना चाहती हूँ.... तेरा हाथ, तेरा साथ चाहती हूँ.. लग जाए गले, बाहों में तेरी रहना है बस इतनी रब से सौग़ात चाहती हूँ...!! ©rishika khushi #dilkibaat