किताब के पन्नो के बीच एक गुलाब छुपा रहा दो खिड़कियों में इक - सी नींद जागती रही खामोशी में भी कही बाते हो रही रात बार इक चांद का साया रहा धीरे - धीरे चालाकी सूरज भी कर रहा रोज आना है फिर भी लम्बा इंतज़ार करा रहा रात भर एक चांद का साया रहा ©Tinshu #Tinshu #chand