लोग कहते मुझे अपनी जिंदगी की परवाह नहीं क्यों करू मैं अपनी जिंदगी की परवाह क्योंकि जिंदगी को मेरी परवाह नहीं मैं किसी चीज को सुलझा ने जाता हूं उसमें और उलझा देती है उत्तर ढूंढने निकलता हूं प्रश्न में जिंदगी उलझा दी उलझे रिश्तो को सुलझाने जाता हूं तो जिंदगी क्यों उस में उलझा देती है जिंदगी इतना इम्तिहान क्यों लेती है जिंदगी की दौड़ में दौड़ते जाता हूं तो क्यों गिरा देती है उठाने वाला कोई नहीं है जिंदगी जानती है फिर भी क्यों गिरा देती है ©om patil #बेपरवाह आपको यह आपके आसपास लोगों को कहते हुए सुना होगा की इसे तो जिंदगी की परवाह नहीं इसीलिए उससे ध्यान में रखते हुए मैंने इस कविता को लिखा है #प्रश्न #walkingalone Akarshak~ pandey ✍️💚🎶 ❣️❣️ARYAN SAINI💔❤️ MONIKA SINGH Shruti Dubey Anshu writer #जिंदगी