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रोज अंधेरे में बैठ कर तेरी तस्वीर बुनता हूं, तुझसे

रोज अंधेरे में बैठ कर तेरी तस्वीर बुनता हूं,
तुझसे की गई कुछ मिनटों की बात को बार बार सुनता हूं।
हमेशा खो जाता हूं तेरी यादों की कशमकश में,
हज़ारों दीवानी है मेरे पिछे परन्तु हर बार बस तुझे ही चुनता हूं।
                                                               ~mid_night_poet~ #mehbub
रोज अंधेरे में बैठ कर तेरी तस्वीर बुनता हूं,
तुझसे की गई कुछ मिनटों की बात को बार बार सुनता हूं।
हमेशा खो जाता हूं तेरी यादों की कशमकश में,
हज़ारों दीवानी है मेरे पिछे परन्तु हर बार बस तुझे ही चुनता हूं।
                                                               ~mid_night_poet~ #mehbub