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सोचती हुँ आज तुमने, कैसे ये दुनिया बसायी, राह चलती

सोचती हुँ आज तुमने, कैसे ये दुनिया बसायी,
राह चलती छाव मे है धूप की परछायी.
आकाश मे तुमने, है तारों की फिज़ा बिछायी,
टुटते तारो से माँग ले कोई दुहाई.
चौथ की चाँदनी से, है रात भी शर्मायी,
दाग है फिर भी उसे देखने कलिया है आयी. #Nojoto #Ritasha #mywords #lovehindi #hindishayari
सोचती हुँ आज तुमने, कैसे ये दुनिया बसायी,
राह चलती छाव मे है धूप की परछायी.
आकाश मे तुमने, है तारों की फिज़ा बिछायी,
टुटते तारो से माँग ले कोई दुहाई.
चौथ की चाँदनी से, है रात भी शर्मायी,
दाग है फिर भी उसे देखने कलिया है आयी. #Nojoto #Ritasha #mywords #lovehindi #hindishayari