यादों का घर दिन की रोशनी ख्वाबों को बनाने मे गुजर गई, रात की नींद बच्चे को सुलाने मे गुजर गई, जिस घर मे मेरे नाम की तख्ती भी नहीं, सारी उमर उस घर को सजाने मे गुजर गई। ©Sarfaraj idrishi #YaadonKaGhar दिन की रोशनी ख्वाबों को बनाने मे गुजर गई, रात की नींद बच्चे को सुलाने मे गुजर गई, जिस घर मे मेरे नाम की तख्ती भी नहीं, सारी उमर उस घर को सजाने मे गुजर गई। 🇮🇳always_smile11_15