शाम का इशारा है, कि आज रात देर से आएगी, ना जाने क्यूं? मेहरबां है आज ये मुझ पर, शायद उसको किसी ने बता दिया, कि मैं अपने महबूब की बाहों में, कुछ वक़्त और बिताना चाहता हूं। Shivank Srivastava 'Shyamal' शाम का इशारा है, कि आज रात देर से आएगी, ना जाने क्यूं? मेहरबां है आज ये मुझ पर, शायद उसको किसी ने बता दिया, कि मैं अपने महबूब की बाहों में, कुछ वक़्त और बिताना चाहता हूं। #evening #love #shayari #poem #kavita #lovequotes #hindi #Stories