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ग़म को समेट कर खुशियांँ बांँटता रहा वो शख़्स, हाँ

ग़म को समेट कर
खुशियांँ बांँटता रहा वो शख़्स,

हाँ! वो सितारा चला गया।

हँसना तो छोड़ दिया था हमने,
और वो रुला कर चला गया।

अरे जनाब,
ग़म के दायरे में जिसने सिखाया था हँसना
पल भर में किसी के दिल में बसना,
ऐसी थी उसकी शख्सि़यत,

अब नहीं रहा वो शख़्स,
हाँ!
वो शख़्स चला गया।।

*RIP* #RishiKapoor  musk firdos Aman Kumar  आयुष यादव Krish Bajoria
ग़म को समेट कर
खुशियांँ बांँटता रहा वो शख़्स,

हाँ! वो सितारा चला गया।

हँसना तो छोड़ दिया था हमने,
और वो रुला कर चला गया।

अरे जनाब,
ग़म के दायरे में जिसने सिखाया था हँसना
पल भर में किसी के दिल में बसना,
ऐसी थी उसकी शख्सि़यत,

अब नहीं रहा वो शख़्स,
हाँ!
वो शख़्स चला गया।।

*RIP* #RishiKapoor  musk firdos Aman Kumar  आयुष यादव Krish Bajoria