तुम्हारी भूख चाहें, रोटी ,कपड़ा ,और मकान हो, भूख मिटाने के लिए तुम्हें कमाना ही पड़ेगा। ज़िगर में आग हैं खौफ बिल्कुल नही, पर जब अपनो की तन्हाई-व-दर्द गिरेगी सीने पे तो तुम्हे घबराना ही पड़ेगा। और जागीर समझ जिस छत के नीचे रह रहे हो तुम, वो किराये का मकान हैं साहब, एक दिन छोड़ कर जाना ही पड़ेगा।। #poetry #sayari #सच्चई #zindgi #quotes #maut #rotikapraaurmakan