ये किसकी परछाईं हैं, जिसे देख आँखें भर आई हैं, कितनी मुश्किल की घड़ी आई है, दिन-रात छूटती रुलाई है, शायद रोते बच्चे को चुप कराने, माँ स्वर्ग से लौट आई है। मेरे हृदय की झील में ये किसकी परछाईं है। #परछाईं #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi #drnehagoswami #नेह संवाद