*क्या लिखते हो?* कुछ अपनी बात लिखता हूं कुछ सपनों की रात लिखता हूं, जो आपने मुझे दिया बस वहीं बात लिखता हूं। कुछ तड़प, कुछ दूःख-दर्द कुछ खुशियों की लहरें कभी बरसात की बात लिखता हूं ज़माने ने जो दिया वहीं बात लिखता हूं। कभी अपनी बात लिखता हूं। तो कभी अनुभव की बारात लिखता हूं। ©अभियंता प्रिंस कुमार #अभियंता_प्रिंस_कुमार #@abhiyanta_prince_kumar #क्या_लिखते_हो?