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अदभुत माँ का रूप सलोना, बिलकुल रब के जैसा प्रेम के

अदभुत माँ का रूप सलोना,
बिलकुल रब के जैसा
प्रेम के सागर सा लहराता,
इसका अपनापन ऐसा….
माँ की ममता करुणा न्यारी,
जैसे दया की चादर
हमारी ख़ुशी में खुश हो जाती
दुःख में हमारी आँसू बहाती
शहद से मिठी हैं माँ की  बातें
आशीष माँ की जैसे हो बरसातें
ऐसी होती है माँ
दुनिया की तपिश में, हमें 
आँचल की शीतल छाया देती है 
खुद चाहे कितनी थकी हो, 
हमें देखकर अपनी थकान भूल जाती है
जब भी कभी ठोकर लगे, 
तो हमें तुरंत याद आती है
हमारी आँखोँ के आंसू, 
अपनी आँखोँ मेँ समा लेती है
जब परेशानी में फँस जाते हैं हम परदेस में,
आंसुओं को पोंछने ख्वाबों में आ जाती है माँ..
लब्जोँ मेँ जिसे बयाँ नहीँ किया जा सके 
ऐसी होती है माँ.....।।। #hindikvita#mothersday#maa#माँ
अदभुत माँ का रूप सलोना,
बिलकुल रब के जैसा
प्रेम के सागर सा लहराता,
इसका अपनापन ऐसा….
माँ की ममता करुणा न्यारी,
जैसे दया की चादर
हमारी ख़ुशी में खुश हो जाती
दुःख में हमारी आँसू बहाती
शहद से मिठी हैं माँ की  बातें
आशीष माँ की जैसे हो बरसातें
ऐसी होती है माँ
दुनिया की तपिश में, हमें 
आँचल की शीतल छाया देती है 
खुद चाहे कितनी थकी हो, 
हमें देखकर अपनी थकान भूल जाती है
जब भी कभी ठोकर लगे, 
तो हमें तुरंत याद आती है
हमारी आँखोँ के आंसू, 
अपनी आँखोँ मेँ समा लेती है
जब परेशानी में फँस जाते हैं हम परदेस में,
आंसुओं को पोंछने ख्वाबों में आ जाती है माँ..
लब्जोँ मेँ जिसे बयाँ नहीँ किया जा सके 
ऐसी होती है माँ.....।।। #hindikvita#mothersday#maa#माँ