कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता, मेरी ज़मीन ,मेरा आसमान है पिता ।। जन्म दिया है अगर माँ ने , तो जानेगा जग जिससे वो पहचान है पिता।। कभी कंधे पर बीठा कर मेला दिखलाते है, कभी बनकर घपड पूरा घर घूमते है।। माँ अगर पैरों पर चलना सिखाते है , तो पैरों पर खड़ा होना सिखाता है पिता।। कभी रोटी तो कभी पानी है पिता, कभी बुढापा तो कभी जवानी है पिता।। माँ अगर है मासूम सी लोरी , तो कभी न भूल पाऊंगा वो कहानी है पिता।। कभी हँसी तो कभी अनुशासन है पिता , कभी मोन हो कभी भाषण है पिता ।। माँ अगर है घर की रसोई, तो चलता है घर जिससे वो राशन है पिता।। #nojoto #quotes on father