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कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता, मेरी ज़मीन ,मे

कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता,
मेरी ज़मीन ,मेरा आसमान है पिता ।।
जन्म दिया है अगर माँ ने ,
तो जानेगा जग जिससे वो पहचान है पिता।।
कभी कंधे पर बीठा कर मेला दिखलाते है,
कभी बनकर घपड पूरा घर घूमते है।।
माँ अगर पैरों पर चलना सिखाते है ,
तो पैरों पर खड़ा होना सिखाता है पिता।।
कभी रोटी तो कभी पानी है पिता,
कभी बुढापा तो कभी जवानी है पिता।।
माँ अगर है मासूम सी लोरी ,
तो कभी न भूल पाऊंगा वो कहानी है पिता।।
कभी हँसी तो कभी अनुशासन है पिता ,
कभी मोन हो कभी भाषण है पिता ।।
माँ अगर है घर की रसोई,
तो चलता है घर जिससे वो राशन है पिता।।
 #nojoto #quotes on father
कभी अभिमान तो कभी स्वाभिमान है पिता,
मेरी ज़मीन ,मेरा आसमान है पिता ।।
जन्म दिया है अगर माँ ने ,
तो जानेगा जग जिससे वो पहचान है पिता।।
कभी कंधे पर बीठा कर मेला दिखलाते है,
कभी बनकर घपड पूरा घर घूमते है।।
माँ अगर पैरों पर चलना सिखाते है ,
तो पैरों पर खड़ा होना सिखाता है पिता।।
कभी रोटी तो कभी पानी है पिता,
कभी बुढापा तो कभी जवानी है पिता।।
माँ अगर है मासूम सी लोरी ,
तो कभी न भूल पाऊंगा वो कहानी है पिता।।
कभी हँसी तो कभी अनुशासन है पिता ,
कभी मोन हो कभी भाषण है पिता ।।
माँ अगर है घर की रसोई,
तो चलता है घर जिससे वो राशन है पिता।।
 #nojoto #quotes on father