दुखाया है मैं दिल उसका मिले सजा जो मुकद्दर में है लिखा बस हो रहम मुझपे एक भी अच्छाई खुरेद् मिला देना लहू मेरा पाँव से उसके मुमकिन है स्पर्श से उसके मैं मोक्ष को प्राप्त हो जाऊंगा पलटा जाएगा इतहास में कभी भी आंशिक प्रेम को तो मुझे लोग एक पल ही सही मगर बिना शर्म और नफ़रत के हिर्दय में अपने उकेर जाएंगे । #मेरे_जज्बात008 #शर्मसार निगाह मेरी #टुटा_सा_परिंदा #कमिल_कवि #माफ़_करना_माँ #yqdidi #yqbaba #kunu