सभी यहाँ बेफ़िक्री जैसे लुप्त, फिक्रमंद हैं जहां इस साल नें ख़रोचा, जिस्म-जान और बटुआ वक्त-बेवक्त तांडव, चला हर तरफ सब शिथिल हो गयी है जिन्दगी बेजान सी बस जी रहें हैं यूँही हैरान परेशान बारिश रात अँधेरी, दिल हैरान परेशान... #हैरानपरेशान #collab #yqdidi #YourQuoteAndMine Collaborating with YourQuote Didi