हथेलिया जल गयी चरागों को जलाये रखा, पलकों पे ख़्वाबों को सजाये रखा, ना वो आये ना आयी उनकी खबर कोई, बिखर गया चाहतो का घर, जो उम्मीदों पे मैंने था बनाये रखा. #ummid #हरीश तन्हा FeeLiNgS Of HearT