आसमाँ...में...कुछ यूँ...मैं नजारा...लिखूंगा सहस्त्र...सहस्त्र सितारों...मध्य चाँद... सरीखा उसे प्यारा...लिखूंगा मधुरिम...आभा सजेगी...मुखमण्डल खुशियों में...उसकी क्यो...न चाहे जमाना...मैं सारा....लिखूँगा गर...सकी पढ़... रूह मेरी...तो पढेगी...वो क्यो न... फिर...उसे दिल का...मैं दुलारा... लिखूंगा !! ©Raj choudhary "कुलरिया" #राधे_कृष्ण आसमाँ...में...कुछ यूँ...मैं नजारा...लिखूंगा सहस्त्र...सहस्त्र सितारों...मध्य चाँद...