अभी अभी मातम कर गया है कोई मेरे अंदर मुझ सा मर गया है कोई चलता हूँ तो कदम लड़खड़ाते है भीतर कहीं बिखर गया है कोई गौर से पहचानो इन निशानों को टूटे सन्नाटों पे चल कर गया है कोई ये बेज़रियत आँखों की यूँ ही नही, मुझसे मेरी रूह ले कर गया है कोई ओटे पर बैठा हूँ , कही लौट न जाए, मुझे ले आएगा, कहकर गया है कोई #yqdidi #yqbhaijan #मातम #सन्नाटा #निशान