ये जाने कौन सी ख़लिश है हवाओं में तुम्हारे बाद यहां कुछ तुम्हारा छूट गया चाँद रूठे ना इस तरह आसमानों से मेरा यार जैसे साहिलों से रूठ गया #शाम #वत्स #vatsa #dsvatsa #vatsapoet #hindishayari