कुछ और कश लगा ले ऐ ज़िन्दगी… बुझ जाऊंगा किसी रोज़ सुलगते – सुलगते… कुछ और कश लगा ले ऐ ज़िन्दगी… बुझ जाऊंगा किसी रोज़ सुलगते – सुलगते…