लौट जाती है बहारें अब कदमों को छू कर कुछ ऐसे नाराज़ हमसे ये खुशी चल रही है अलविदा कहते हैं कि अब देखा ना जाता आज तेरे शहर में मेरी आखिरी शाम ढल रही है अपना था जो कभी वो आज से पराया हो रहा ज़िन्दगी के किताब का वो पन्ना जाया हो रहा इक हिस्सा सफ़र का जो जी लिया हमने यहां उन यादों की तकलीफो से ये दिल घबराया जा रहा ©tripti_amanat #alvida #Allahabad #prayagraj #Kumbh #bye #evening #sad