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लौट जाती है बहारें अब कदमों को छू कर कुछ ऐसे नाराज

लौट जाती है बहारें
अब कदमों को छू कर
कुछ ऐसे नाराज़ हमसे
ये खुशी चल रही है
अलविदा कहते हैं कि
अब देखा ना जाता
आज तेरे शहर में मेरी
आखिरी शाम ढल रही है

अपना था जो कभी वो
आज से पराया हो रहा 
ज़िन्दगी के किताब का
वो पन्ना जाया हो रहा 
इक हिस्सा सफ़र का
जो जी लिया हमने यहां
उन यादों की तकलीफो से
ये दिल घबराया जा रहा

©tripti_amanat #alvida #Allahabad #prayagraj #Kumbh #bye #evening #sad
लौट जाती है बहारें
अब कदमों को छू कर
कुछ ऐसे नाराज़ हमसे
ये खुशी चल रही है
अलविदा कहते हैं कि
अब देखा ना जाता
आज तेरे शहर में मेरी
आखिरी शाम ढल रही है

अपना था जो कभी वो
आज से पराया हो रहा 
ज़िन्दगी के किताब का
वो पन्ना जाया हो रहा 
इक हिस्सा सफ़र का
जो जी लिया हमने यहां
उन यादों की तकलीफो से
ये दिल घबराया जा रहा

©tripti_amanat #alvida #Allahabad #prayagraj #Kumbh #bye #evening #sad
triptikaushal2124

Writer Madam

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