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White                                                     03:00 AM

सुनो आज २० सालो के बाद कुछ कहना हैं.

बचपन में जो राह दिखाई थी तूने अपने पैरो पर चल कर मंजिल पाने की जिस विद्यालय में जाने के लिए हर रोज सुबह तैयार कर के भेजती थी तुम आज क्यों उसी राह पर जब सपने सजा लिए हैं मैंने तो क्यों उसी राह पर सजाए सपनो को पूरा करने से जीझक रही रही हो क्यों रोक लगा रही हो क्या यह प्रकृति का नियम है.

या इस नियम की प्रकृति हो तुम.....?

क्यों आज बेटे को अपने सपने पूरे करने के लिए भेज रही हो और बेटी को रोक रही हो ऐसा भेदभाव सदियों से है...... या इन भेदभाव मैं सादिया हो तुम...?

जिस राह की सलाह देती थी बीस वर्षों पहले आज बीस वर्षों बाद क्यों उसी सलाह से मुकर रही हो तुम यह तुम्हारी भावना हैं.

या इन भावनाओं में तुम हो.....? यह कुछ सवाल हैं इनकी गहराई हो तुम...... या इतनी गहरी हो तुम .....?

©GiRlSLiNeS190* #GoodNight  poetry in hindi hindi poetry #Reality #Relatable #poem #nojohindi #nojotahindi
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सुनो आज २० सालो के बाद कुछ कहना हैं.

बचपन में जो राह दिखाई थी तूने अपने पैरो पर चल कर मंजिल पाने की जिस विद्यालय में जाने के लिए हर रोज सुबह तैयार कर के भेजती थी तुम आज क्यों उसी राह पर जब सपने सजा लिए हैं मैंने तो क्यों उसी राह पर सजाए सपनो को पूरा करने से जीझक रही रही हो क्यों रोक लगा रही हो क्या यह प्रकृति का नियम है.

या इस नियम की प्रकृति हो तुम.....?

क्यों आज बेटे को अपने सपने पूरे करने के लिए भेज रही हो और बेटी को रोक रही हो ऐसा भेदभाव सदियों से है...... या इन भेदभाव मैं सादिया हो तुम...?

जिस राह की सलाह देती थी बीस वर्षों पहले आज बीस वर्षों बाद क्यों उसी सलाह से मुकर रही हो तुम यह तुम्हारी भावना हैं.

या इन भावनाओं में तुम हो.....? यह कुछ सवाल हैं इनकी गहराई हो तुम...... या इतनी गहरी हो तुम .....?

©GiRlSLiNeS190* #GoodNight  poetry in hindi hindi poetry #Reality #Relatable #poem #nojohindi #nojotahindi