जीवन भट्टी, सर पर बौझ, कांधे पर जिम्मेदारियों का बस्ता। लटकता-झटकता,कभी भूख से तड़पता, कभी पानी को दूध समझकर गुज़ारा करता। आखिर मरता क्या न करता, किताबें छोड़ खुद न जलता, तो घर का चूल्हा कैसे जलता। #antichildlabourday #childlabour #yqwcteame #clubstreak #clubgames #futurehell