एक मौका निजी व सामाजिक बिंदुवो को मानसिक स्तर पर बदलने का ।
बंधुत्व की भावना को जगाने का ।
तेज दौड़ती इस दुनिया में अपने आपको जानने का। रुक कर ठहर कर अपने परिजनों में समय बिताने का। स्वयं के साथ समय बिताने का मौका ।
मृत पड़ चुकी भावनाओं को जगाने का।
एक दूसरे का सम्मान करने का मौका।
एक साथ खड़े होने का मौका। धर्म जाति का भेदभाव भुलाकर इस सब के बाद एक साथ कैसे आगे बढ़े यह सोचने का मौका।
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