green-leaves जानती हो तुमसे मिलकर मुझे ऐसा लगा है जैसे !! "चांदनी बिखर गई हो... हरसिंगार मुस्कुरा उठे हो...तुम्हारा आना जिंदगी में कुछ ऐसे रहा...जैसे कि ! किसी बंद कमरे में अंधेरे को चीरकर रोशनी की एक किरण मुस्कुरा दे...जैसे एक जमाने में जागी आंखो को नींद की मीठी थपकी मिल जाए...जैसे धड़कनों के शोर को सब्र का सुकून हासिल हो जाए...तुमसे मिलकर लगा मुझे अब क्या मिलना किसी से... 🩵🤎 ©Deep isq Shayri #lover #GreenLeaves