क्या बताएं किस कदर ख़ुद को संभाला साईंयां कोयले की खान से हीरा निकाला साईंयां ये तजर्बा है मेरा मैं और बेहतर हो गया मुश्किलों में आपने जब जब भी डाला साईंयां चित गिरे या पट गिरे आख़िर है मर्ज़ी आपकी कर्म मेरा है सो बस सिक्का उछाला साईंयां आप सब में हो वो बाहर ढूँढते हैं और क्या अक्ल पे सबकी पड़ा ये कैसा ताला साईंयां तारीफें करते नहीं थकता फकीरा आपकी है सिखाने का भी क्या अंदाज़ आला साईंयां 🙏❤️ #sher #ghazal #ghazalgo_fakeera to read more ghazals...