कोई चाँद सा फ़रिश्ता है वो घूंघटो में छिपता है जो चुरा कर नज़रे जो रौशन करे हर मैख़ाने को ऐसी नियत नही फ़रेबी जो हमसे मिलता है वो है बहती नदियों सा बेबाकिपन भरे हर शहर का मुसाफ़िर है वो कहीं मिले मुझसे भी आकर इतना गहरा कोई रिश्ता तो हो की बनू मैं उनकी मंजिल समुन्दर सा आखिरी रस्ता तो हो अब ये दिल भी बेचारा कैसे संभाले खुद को जो हो आखिरी मंजिल तुम फिर भी एक झलक को तेरी पाकर मिल जाती हो जैसे कोई फ़रिश्ता हो #yqbaba #yqdidi #yqquotes #yqhindi #yqtales #life #love #pragyathakur💕 YourQuoteAndMine Collaborating with Pragya Thakur